राष्ट्रीय समेकित नाशीजीव प्रबंधन अनुसन्धान संस्थान (रा.स.ना.प्र.अनु.सं.) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (भा.कृ.अनु.प.) का एक प्रमुख अनुसंधान संस्थान है।
प्रमुख फसलों के लिए न्यूनतम पारिस्थितिक प्रभाव वाली समेकित नाशीजीव प्रबंधन (आईपीएम) प्रौद्योगिकियों को विकसित करना व बढ़ावा देना; नाशीजीव प्रबंधन
के सभी पहलुओं पर राष्ट्रीय डेटाबेस तैयार करना; राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और नाशीजीव प्रबंधन नीतियों की सलाह देना; एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन के क्षेत्र में राष्ट्रीय
और अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के साथ संबंध स्थापित करना व तकनीकी परामर्श हेतु 12 फरवरी, 1988 को संस्थान की स्थापना की गयी। आईपीएम प्रौद्योगिकियों के
अनुसंधान, विकास और अनुप्रयोग के बीच एक इंटरफ़ेस के रूप में इस केंद्र की कल्पना की गई थी। संस्थान ने 1995-1996 में कपास, चावल, चना और सरसों के लिए
आईपीएम मॉड्यूल के संश्लेषण और सत्यापन के साथ नम्र शुरुआत की। महाराष्ट्र में 1996-1998 के दौरान कपास में आईपीएम की सफलता की कहानी अनुकरणीय थी
जिसने अन्य फसलों और क्षेत्रों के लिए इस तरह के मॉड्यूल विकसित करने का एक मॉडल प्रदान किया। संस्थान ने विभिन्न फसलों और क्षेत्रों में खेत से लेकर क्षेत्र-व्यापी
नाशीजीव प्रबंधन को साझेदारी और सहयोग के नेटवर्क के द्वारा आईपीएम प्रतिमान को सफलतापूर्वक बढ़ाया है। अनुकूलित सॉफ्टवेयर्स के विकास द्वारा इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्किंग
का प्रभावी एकीकरण, बुनियादी ढांचे का समर्थन और मानव संसाधन विकास ने क्षेत्रीय स्तर पर नाशीजीव प्रबंधन को बहुत प्रभावी बनाया है। एनसीआईपीएम फसल और
पारिस्थितिक की स्वास्थ्य उन्नति व स्थायी कृषि विकास हेतु बेहतर अनुसंधान, शिक्षा, प्रशिक्षण और विस्तार के द्वारा बहु-विषयक प्रौद्योगिकियों
और हितधारकों को एकीकृत कर आईपीएम प्रथाओं को देश भर में और अधिक प्रभावी बनाने में अपनी बड़ी भूमिका की परिकल्पना करता है।
राष्ट्रीय समेकित नाशीजीव प्रबंधन अनुसन्धान संस्थान राजपुर खुर्द, महरौली, नई दिल्ली में है जिसके भू निर्देशांक 28.38°N और 77.10°E है। यह दिल्ली के दक्षिण पश्चिम जिले में भारतीय
कृषि अनुसंधान परिषद (भा.कृ.अनु.प.), कृषि भवन से लगभग 22 किमी पश्चिम में और इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से लगभग 14 किमी उत्तर-पूर्व में है।